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शादी का झांसा देकर रेप के आरोप में फंसे पूर्व  सांसद के बेटे बृजेश्वर कश्यप की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

हाईकोर्ट ने भाजपा पूर्व  सांसद के बेटे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की
रेप केस में आरोपी ने हाईकोर्ट से याचिका वापस ली, अब सत्र न्यायाधीश के पास जाएगा मामला
महिला आयोग ने लिया संज्ञान, निष्पक्ष जांच की मांग उठी


हिमाचल हाईकोर्ट ने शिमला संसदीय क्षेत्र से भाजपा के पूर्व सांसद वीरेंद्र कश्यप के बेटे बृजेश्वर कश्यप की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति विरेंद्र सिंह की अदालत में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए दलील दी कि आरोपी सीधे हाईकोर्ट का रुख नहीं कर सकता।

सरकार का कहना था कि अग्रिम जमानत के लिए आरोपी को पहले सत्र न्यायाधीश के समक्ष आवेदन देना चाहिए। इसके बाद याचिकाकर्ता ने अदालत से अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया और याचिका खारिज कर दी।

पीड़िता ने महिला थाना सोलन में शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि बृजेश्वर कश्यप ने शादी का झांसा देकर दो वर्षों तक उसका यौन शोषण किया। जब उसने शादी के लिए दबाव बनाया तो आरोपी ने शादी से इंकार कर दिया।

पुलिस ने शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल मामला सत्र न्यायालय में सुना जाएगा, जहां से यह तय होगा कि आरोपी को अग्रिम जमानत दी जाए या नहीं।

इस पूरे मामले पर हिमाचल महिला आयोग ने भी संज्ञान लिया है। आयोग की चेयरपर्सन विद्या नेगी ने एसपी सोलन को पत्र लिखकर कहा है कि इस मामले की जांच बिना किसी राजनीतिक दबाव के की जाए। उन्होंने पूरी इन्क्वायरी रिपोर्ट तलब करते हुए कहा कि पीड़िता को न्याय दिलाना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

मामले की गंभीरता को देखते हुए सोलन पुलिस हर पहलू से जांच कर रही है। इस घटना ने प्रदेश के राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है।